मेरा राजस्थान: राजस्थान के संभाग
राजस्थान में संभागीय व्यवस्था की प्रथम शुरूआत 1949 में प्रथम मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री सरकार ने की थी। लेकिन अप्रैल, 1962 में मोहनलाल सुखाडि़या सरकार ने संभागीय व्यवस्था को समाप्त कर दिया था । ओर उसके बाद 15 जनवरी, 1987 में हरि देव जोशी सरकार ने पुन: संभागीय व्यवस्था की शुरूआत कर दिया गया ओर 1987 में राजस्थान का छठा संभाग अजमेर को बनाया गया था ।यह जयपुर संभाग से अलग कर के नया संभाग बना। ओर 4 जुन, 2005 को राजस्थान का 7 वां नया संभाग भरतपुर को बनाया गया। ओर इस प्रकार वर्तमान मे राजस्थान मे सात संभागीय व्यवस्था है
➡1 राजस्थान के पूर्ण एकीकरण के समय 26 जिले थे 26 वा जिला अजमेर था। और इसी समय 5 संभाग थे।
➡2 1962 मे सुखाडिया सरकार ने संभागीय व्यवस्था को समाप्त कर दिया लेकिन 1987 को हरिदेव जोशी सरकार ने राज्य को छः सभागो जयपुर , अजमेर , कोटा , उदयपुर , बीकानेर , जोधपुर में बाटकर संभागीय व्यवस्था पुनः कायम की।
➡3 वर्तमान में राज्य में सात संभाग हैं। भरतपुर को सांतवा संभाग बनाने की अधिसूचना 5 फरवरी 2005 को जारी की गई।
➡4 जोधपुर संभाग का क्षेत्रफल सबसे ज्यादा व भरतपुर संभाग सबसे छोटा है।
➡ राजस्थान का 31 वा जिला हनुमानगढ़ ( 12 जुलाई 1992) 32 वा जिला करौली ( 19 जुलाई 1997) बना।
➡ राजस्थान में कुल 33 जिले हैं 26 जनवरी 2005 को प्रतापगढ 33 वा जिला बनाया गया।
➡राजस्थान में संभागीय व्यवस्था 1949 में शुरू हुई उस समय राज्य में 5 संभाग (जयपुर ,जोधपुर ,कोटा ,उदयपुर ,बीकानेर )थे।
➡1 नवम्बर 1956 में 26 वां जिला अजमेर बना। जयपुर से पृथक कर अजमेर को छठा संभाग बनाया गया।
➡अप्रेल 1962 में मोहन लाल सुखाड़िया (C.M) ने इस संभागीय व्यवस्था को बंद कर दिया जिसे 26 जनवरी 1987 को हरी देव जोशी (C.M)ने वापिस शुरू कर दिया।
वर्तमान में 7 संभाग है।
1.जयपुर संभाग- जयपुर, दौसा, सीकर, अलवर, झुंझुनू
2.जोधपुर संभाग- जोधपुर, जालौर, पाली, बाड़मेर, सिरोही, जैसलमेर
3.भरतपुर संभाग- भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर
4.अजमेर संभाग- अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर
5. कोटा संभाग- कोटा, बुंदी, बांरा, झालावाड़
6. बीकानेर संभाग- बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू
7. उदयपुर संभाग- उदयपुर, राजसंमद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा,चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़
अन्तर्राष्ट्रीय सीमा
➡अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाने वाले संभाग- बीकानेर व जोधपुर
➡सर्वाधिक अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाने वाला संभाग- जोधपुर
➡न्युनतम अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाने वाला संभाग-बीकानेर
➡अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के नजदीक संम्भागीय मुख्यालय-बीकानेर
➡अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से दुर सम्भागीय मुख्यालय -जोधपुर
➡अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर क्षेत्रफल में बड़ा संभाग- जोधपुर
➡अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर क्षेत्रफल में छोटा संभाग- बीकानेर
अन्तर्राज्जीय सीमा
➡अन्तर्राज्जीय सीमा बनाने वाले संभाग-सात
➡सर्वाधिक अन्तर्राज्जीय सीमा बनाने वाला सम्भाग- उदयपुर
➡न्युनतम अन्तर्राज्जीय सीमा सीमा बनाने वाला संभाग- अजमेर
➡अन्तर्राज्जीय सीमा के नजदीक संभागीय मुख्यालय- भरतपुर
➡अन्तर्राज्जीय सीमा से दुर संभागीय मुख्यालय- जोधपुर
➡अन्तर्राज्जीय सीमा पर क्षेत्रफल में बड़ा संभाग -जोधपुर
➡अन्तर्राज्जीय सीमा पर क्षेत्रफल में छोटा संभाग- भरतपुर
➡दो बार अन्तर्राज्जीय सीमा बनाने वाला संभाग- उदयपुर(चित्तौड़गढ़ के दो भाग)
➡राजस्थान का मध्यवर्ती संभाग- अजमेर
➡सभी 6 संभागों की सीमा से लगने वाला संभाग-अजमेर
➡सर्वाधिक नदियों वाला संभाग-कोटा(नदियों वाला जिला- चित्तौड़गढ़)
➡सबसे कम नदियों संभाग- बीकानेर(बीकानेर व चुरू जिले में कोई नदी नहीं बहती है)
राजस्थान में संभागीय व्यवस्था की प्रथम शुरूआत 1949 में प्रथम मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री सरकार ने की थी। लेकिन अप्रैल, 1962 में मोहनलाल सुखाडि़या सरकार ने संभागीय व्यवस्था को समाप्त कर दिया था । ओर उसके बाद 15 जनवरी, 1987 में हरि देव जोशी सरकार ने पुन: संभागीय व्यवस्था की शुरूआत कर दिया गया ओर 1987 में राजस्थान का छठा संभाग अजमेर को बनाया गया था ।यह जयपुर संभाग से अलग कर के नया संभाग बना। ओर 4 जुन, 2005 को राजस्थान का 7 वां नया संभाग भरतपुर को बनाया गया। ओर इस प्रकार वर्तमान मे राजस्थान मे सात संभागीय व्यवस्था है
➡1 राजस्थान के पूर्ण एकीकरण के समय 26 जिले थे 26 वा जिला अजमेर था। और इसी समय 5 संभाग थे।
➡2 1962 मे सुखाडिया सरकार ने संभागीय व्यवस्था को समाप्त कर दिया लेकिन 1987 को हरिदेव जोशी सरकार ने राज्य को छः सभागो जयपुर , अजमेर , कोटा , उदयपुर , बीकानेर , जोधपुर में बाटकर संभागीय व्यवस्था पुनः कायम की।
➡3 वर्तमान में राज्य में सात संभाग हैं। भरतपुर को सांतवा संभाग बनाने की अधिसूचना 5 फरवरी 2005 को जारी की गई।
➡4 जोधपुर संभाग का क्षेत्रफल सबसे ज्यादा व भरतपुर संभाग सबसे छोटा है।
➡ राजस्थान का 31 वा जिला हनुमानगढ़ ( 12 जुलाई 1992) 32 वा जिला करौली ( 19 जुलाई 1997) बना।
➡ राजस्थान में कुल 33 जिले हैं 26 जनवरी 2005 को प्रतापगढ 33 वा जिला बनाया गया।
➡राजस्थान में संभागीय व्यवस्था 1949 में शुरू हुई उस समय राज्य में 5 संभाग (जयपुर ,जोधपुर ,कोटा ,उदयपुर ,बीकानेर )थे।
➡1 नवम्बर 1956 में 26 वां जिला अजमेर बना। जयपुर से पृथक कर अजमेर को छठा संभाग बनाया गया।
➡अप्रेल 1962 में मोहन लाल सुखाड़िया (C.M) ने इस संभागीय व्यवस्था को बंद कर दिया जिसे 26 जनवरी 1987 को हरी देव जोशी (C.M)ने वापिस शुरू कर दिया।
वर्तमान में 7 संभाग है।
1.जयपुर संभाग- जयपुर, दौसा, सीकर, अलवर, झुंझुनू
2.जोधपुर संभाग- जोधपुर, जालौर, पाली, बाड़मेर, सिरोही, जैसलमेर
3.भरतपुर संभाग- भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर
4.अजमेर संभाग- अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर
5. कोटा संभाग- कोटा, बुंदी, बांरा, झालावाड़
6. बीकानेर संभाग- बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू
7. उदयपुर संभाग- उदयपुर, राजसंमद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा,चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़
अन्तर्राष्ट्रीय सीमा
➡अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाने वाले संभाग- बीकानेर व जोधपुर
➡सर्वाधिक अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाने वाला संभाग- जोधपुर
➡न्युनतम अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाने वाला संभाग-बीकानेर
➡अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के नजदीक संम्भागीय मुख्यालय-बीकानेर
➡अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से दुर सम्भागीय मुख्यालय -जोधपुर
➡अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर क्षेत्रफल में बड़ा संभाग- जोधपुर
➡अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर क्षेत्रफल में छोटा संभाग- बीकानेर
अन्तर्राज्जीय सीमा
➡अन्तर्राज्जीय सीमा बनाने वाले संभाग-सात
➡सर्वाधिक अन्तर्राज्जीय सीमा बनाने वाला सम्भाग- उदयपुर
➡न्युनतम अन्तर्राज्जीय सीमा सीमा बनाने वाला संभाग- अजमेर
➡अन्तर्राज्जीय सीमा के नजदीक संभागीय मुख्यालय- भरतपुर
➡अन्तर्राज्जीय सीमा से दुर संभागीय मुख्यालय- जोधपुर
➡अन्तर्राज्जीय सीमा पर क्षेत्रफल में बड़ा संभाग -जोधपुर
➡अन्तर्राज्जीय सीमा पर क्षेत्रफल में छोटा संभाग- भरतपुर
➡दो बार अन्तर्राज्जीय सीमा बनाने वाला संभाग- उदयपुर(चित्तौड़गढ़ के दो भाग)
➡राजस्थान का मध्यवर्ती संभाग- अजमेर
➡सभी 6 संभागों की सीमा से लगने वाला संभाग-अजमेर
➡सर्वाधिक नदियों वाला संभाग-कोटा(नदियों वाला जिला- चित्तौड़गढ़)
➡सबसे कम नदियों संभाग- बीकानेर(बीकानेर व चुरू जिले में कोई नदी नहीं बहती है)
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